वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर ब्रह्माकुमारीज़ गोमतीनगर में “विश्व एकता में विश्वास” थीम पर राजयोग मेडिटेशन कार्यक्रम सम्पन्न।
कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान समय की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक चुनौतियों के बीच मानव को आंतरिक शांति, शक्ति और एकता का अनुभव कराना रहा।

वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर ब्रह्माकुमारीज़ गोमतीनगर में “विश्व एकता में विश्वास” थीम पर राजयोग मेडिटेशन कार्यक्रम सम्पन्न।
डा० शक्ति कुमार पाण्डेय
ग्लोबल भारत न्यूज नेटवर्क
लखनऊ, 22 दिसम्बर।
कार्यक्रम का उद्देश्य वर्तमान समय की मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक चुनौतियों के बीच मानव को आंतरिक शांति, शक्ति और एकता का अनुभव कराना रहा।

21 दिसंबर को वर्ल्ड मेडिटेशन डे के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज़ गोमती नगर केंद्र में “विश्व एकता एवं विश्वास के लिए योग/ मेडिटेशन” थीम को आधार बनाकर भव्य राजयोग मेडिटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के आरंभ में गोमती नगर केंद्र इंचार्ज राजयोगिनी राधा दीदी ने योग और मेडिटेशन के अंतर को स्पष्ट करते हुए बताया कि योग मुख्यतः शरीर से जुड़ा अभ्यास है, जबकि मेडिटेशन का सीधा संबंध मन और आत्मा से होता है।
उन्होंने महाभारत के प्रसंग का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे अर्जुन विषम परिस्थितियों में मोह, निराशा और द्वंद्व में फंस गया था, वैसे ही आज का मानव भी क्रोध, तनाव और भ्रम की स्थिति में जी रहा है।
राधा दीदी ने कहा कि उस समय अर्जुन के साथ श्रीकृष्ण थे, लेकिन आज का मानव स्वयं को अकेला समझ बैठा है, जबकि वास्तव में वह कभी अकेला नहीं होता। परमपिता परमात्मा का संरक्षण हर समय हमारे साथ है, बस हम उससे जुड़ना भूल गए हैं।
उन्होंने मन की स्थिति को बैटरी से तुलना करते हुए कहा कि जैसे बैटरी को बार-बार चार्ज करने की आवश्यकता होती है, वैसे ही मन को भी अविनाशी ऊर्जा के स्रोत परमपिता परमात्मा से जोड़कर चार्ज करने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि आज का मानव प्रेम, शांति, खुशी और आराम दूसरों से मांग रहा है, लेकिन जब वह राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से परमात्मा से जुड़ता है, तो वह दूसरों से मांगना छोड़कर स्वयं के भीतर इन गुणों का अनुभव करने लगता है। इसके परिणामस्वरूप ऊर्जा का प्रवाह स्वयं से दूसरों की ओर होने लगता है, जिससे विश्व एकता और सौहार्द की भावना सशक्त होती है।
कार्यक्रम में राजयोगिनी स्वर्णलता दीदी ने राजयोग मेडिटेशन की विधि को प्रायोगिक अभ्यास के माध्यम से स्पष्ट करते हुए उपस्थित जनसमूह को आंतरिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव कराया।
इस अवसर पर डायरेक्टर जनरल टेक्निकल एजुकेशन, उत्तर प्रदेश – श्री अविनाश कृष्ण, श्री सुरजीत जी एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद् श्री रविंद्र अग्रवाल जी विशिष्ट अतिथियों के रूप में उपस्थित रहे।
आगंतुक अतिथियों ने कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि वर्तमान समय में मेडिटेशन मानव जीवन की अनिवार्य आवश्यकता बन गया है।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का शांतिपूर्ण और गरिमामय समापन किया गया।




